606, अहमदाबाद को बसे इतने वर्ष हो गए है। इन सालों में इस शहर ने कईं फलसफे देखे, कईं अफसाने देखे। पर ये कहानी है अहमदाबाद की इमारतों की। यहाँ की इमारतें और संरचना काफी अलग है। इन संरचनाओं में आपको तीन दौर दिखाई देंगे, इन संरचनाओं में आपको तीन वक्त दिखाई देंगे। यहाँ कुछ इमारतें 16 वीं सदी, 17 वीं सदी में बनी हुई है। जिसमें ज्यादातर मस्जिद, दरवाजे और बावली है। इन इमारतों में इस्लामिक वास्तु-कला का प्रदर्शन है। इसके बाद 18 वीं और 19 वीं सदी की इमारतें है,जिसमे हवेली, जैन देरासर मंदिर का समावेश होता है और तीसरा दौर आज की इमारतों का है। पर जो पुरानी मस्जिद, हवेली है उन सब की परिस्थिति बहुत खराब है। बहुत कम एसी इमारतें है जिन की हालत अच्छी हो। यह सब हमारी संस्कृति की धरोहर है, और इनकी संभाल हमारी ही ज़िम्मेदारी है। एसा भी नहीं है की लोग और सरकार इस विषय पर कोई काम नहीं कर रहें । जैसे की पिछले कुछ वर्षों में सरकार और समुदाय की पहल पर यहाँ पे कुछ हवेली और कुछ ऐतिहासिक स्थल का नवीकरण किया गया । पर यह काम तेज़ी से और विस्तार से होना चाहिए ।
Story by: Dhrupad Mehta
Where: Ahemadabad, Gujarat
When: March 2017